धर्म जात क्या होती है
धर्म जात क्या होती है।
पूछती हूं आपसे में सवाल,
अलग अलग क्या होता है मजहब,
तू बता कोन सा घर,
है जो तेरा नही भगवान,
जहां तेरा वास नही होता,
कहने को तू गरीब की,
कुटिया में भी वास करता है।
तू सच्चे मन में भी,
वास करता है।
फिर क्यों यह मखौल,
क्यों ये ढोंग लड़ने का,
जो तेरे नाम का सहारा,
ले कर ही फूट डालते है।
और तेरे नाम से ही,
ये कमाई करते है।
और तेरे नाम से ही,
ये कमाई करते है।।
अलका कुमारी
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