खौफनाक दर्द

खौफनाक दर्द

हां नटखट थी नादान थी।
अभी चलना सीखा था।
मां बाप की छाया में,
अभी पलना सीखा था।


पढ़ गई नजर उस,
गुड़िया पर एक बाज,
की हा,नोच नोच के खा
गया वो हैवान ही था।।

                         अलका कुमारी

Post a Comment

0 Comments