ईश्वर से मिलने की तड़प

ईश्वर से मिलने की तड़प

कभी कभी दिल खुशी से रोता है।
कभी कभी गम में रोता है।
कभी कभी तो दिल अंतर मन,
की शांति परमार्थ के लिए रोता है। 

जहां कोई मोह माया नही,
कोई छलावा नही,
अंतर मन से आवाज आती है।
जी भर कर रो लू।

मन में कोई बुराई न रहे।
ईश्वर से बातें करू।
इस दुनियादारी की, 
कोई बात न रहे।

अचानक से मन में,
तड़प सी उठती है।
ईश्वर से मिलने की,
ईश्वर से मिलने की।।

                          अलका कुमारी

Post a Comment

0 Comments