अपने हिस्से की खुशी

अपने हिस्से की खुशी

आपके हिस्से की खुशी,
आपको ही पता होगी, 
कोई दूसरा क्या जाने,
एहमियत उसकी।।

अगर किया है तूफानो का सामना,
तो कभी खुद के फैसलों से मत डरना।
खुद से ही कभी मूंह मत मोड़ना।
अपनी खुशियों को दबाकर क्या जिओगे।
जो पहले ही दिए की रोशनी में,
चल चल कर मंजिल थी बनाई।
अब क्यों डरना असीम उजाले से,

आपका रास्ता तो पहले भी,
आसान नहीं था फिर क्यू डरना।
अपनी उन खुशियों से जिनके लिए,
रास्ता शायद थोड़ा सा कठिन होगा। 
फिर क्यों डरना उन खुशियों से,
जिन से दिल खुश होगा। 
जिन से दिल खुश होगा।।

                              अलका कुमारी

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