मणि || एक नागिन की कहानी ||

एक लड़की गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कहीं जा रही होती है। की अचानक उसकी गाड़ी से एक लड़का टकरा जाता है। फिर वो लड़की घबराते हुए गाड़ी से बाहर आती है।और उस लड़के को उठाने का प्रयास करती है, पर वो लड़का नहीं उठता। फिर वो उस लड़के को अपने घर ले जाती है। और डॉक्टर को घर पर भुला कर ही उसका इलाज करवाती है।
एक रात बीत जाने पर सुबह उस लड़के को होश आती है। और वो देखता है होश में आने के बाद में कहां हूं वो सोच ही रहा होता है अपना सिर पकड़ कर की वो लड़की, जो उसको अपने घर लेकर आई थी वो आ जाती है।



फिर वो लड़का उस लड़की से सवाल करता है आप कोन हो।
और लड़की कहती है मेरा नाम मणि है आप मेरी गाड़ी से टकरा कर नीचे गिर गए तो आपके सिर से खून बह रहा था बहुत तो, वह घर ले आई आपको और डॉक्टर से यहीं इलाज करवा लिया।आपका नाम क्या है मणि पूछती है लड़का बोलने की कोशिश करता है परन्तु उसे अपना नाम याद नहीं आता तो मणि खुद को कसूरवार समझ कर उसके कमरे से बाहर आकर रोने लगती है

और उसकी नानी वहां जो मणि के साथ रहती थी वो कहती है ऊपर वाले की मर्जी के आगे किसकी चलती है तुम भूल जाओ 
यह सब तुमने जान बूझ कर नही किया।जब से उस लड़के को चोट लगी है खाना नही खाया।


नानी बोलती है जा उस लड़के को 
भी खाना खिला जूस या फिर कुछ और पूछ ले उसे की, क्या खाएगा वो और खुद भी कुछ खा ले। मणि उसके लिए दूध और नाश्ता लेकर जाती है लड़के के कमरे में और कमरे में जाकर पहले उसको देख कर सोच में पड़ जाती है। तभी वो लड़का उठता है नींद से तो वो दोनो एक दूसरे को ही देखते रहते है। मणि कहती है फिर, आप कुछ खा लो तो लड़का बोलता है मुझे नहाना है पहले।

तभी मणि कहती है अभी चोट लगी है अभी रुक जाए,पहले नाश्ता करे,फिर वो दोनो नाश्ता करते है एक साथ,फिर मणि कहती है आपको कुछ याद नहीं आप कोन हो,लड़का कहता है कि मैने बहुत कोशिश की खुद के बारे  में याद करने की, कुछ याद नहीं 
मणि फिर लड़के का नाम आदित्य रखती है। अभी से ही में आपको आदित्य बुलाऊंगी 


फिर मणि आदित्य की दिन रात सेवा करती है डॉक्टर से चेकअप करवाती है तभी उसको आदित्य से अपनापन सा लगने लगता है मानो जैसे वो उसे जन्मों जन्मों से जानती हो।अब आदित्य के घाव भी भर गए थे। मणि एक कलाकार थी उसकी किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए उसे जाना था तभी वो नानी और अपनी दोस्त कनिका और आदित्य को भी साथ चलने को बोलती है और बाद में जब वो प्रमोशन वाली जगह पहुंचते है तो मणि के पोस्टर देखते ही आदित्य की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं लेते और वो बहाना कर वाशरूम चला जाता है और जब वो खुद को आईने में देखता है तो उसे बहुत अजीब लगता है आदित्य बोलता है खुद से, मुझे मणि की फिल्म का पोस्टर देख कर क्यों तड़प सी हो रही है उस पोस्टर में मणि नागिन के कपड़ो में थी और उसकी फिल्म का नाम ही नागिन था,आदित्य को कुछ समझ नहीं आ रहा।वो वासरूम से बाहर आ कर चुपके से मणि को देखता ही रहता है।मणि एक लड़के के साथ डांस कर रही थी जिसका नाम राज था परंतु आदित्य को यह सब देख बहुत क्रोध आ रहा था। आदित्य पार्टी छोड़ चला जाता है वहां से बिना बताए और रात हो जाती है की वो 
मणि के घर पर ही होता है परंतु उसका मन बहुत शांत सा बाहर से दिख रहा था वो बिना खाना खाए अपने रूम में चला जाता है

फिर मणि भी सोचती है आज आदित्य को क्या हो गया जो 
बिना बताए वहां से चला आया
सभी सो जाते है पर आदित्य जाग रहा होता है तभी मणि नींद में उठती है और नींद में ही नागिन वाले कपड़े डालती है और फिर मंदिर जाती है नींद में ही शिव जी के और आदित्य भी हैरान था यह सब देखकर फिर आदित्य भी पीछे पीछे जाता है और देखता है की मणि के बाजुओ पर असली सांप होते है तब आदित्य उन्हें हटाने के लिए पीछे दौड़ता है पर मणि नृत्य कर रही होती है तभी आदित्य भी मंदिर के अंदर जैसे ही प्रवेश करता है वो भी नृत्य करने लगता है आदित्य के कपड़े बदल जाते है खुद ही वो एक ईचाधारी नाग बन जाता है दोनो नाचते है बहुत खुश होते है और रोते भी बहुत है फिर अचानक से एक दूसरे के गले लग जाते है और सांप बन कर लिपट जाते है


फिर उनके लिपटते ही मणि वहां से गायब हो जाती है और आदित्य रोते रोते वही सो जाता है फिर सुबह होती है
पर आदित्य को रात का कुछ भी याद नहीं होता।वो फिर मणि के घर चला जाता है मणि को देख कर वो उसको गले लगा लेता है और उसे छोड़ता ही नही, और मणि भी चिपक जाती है आदित्य से मानो जैसे बरसो से मिलने की तड़प हो। मणि भी रात की बात सब भूल चुकी होती है।दोनो बाहर घूमने की योजना बनाते है और फिर घूमने जाते है तब वो दोनो जंगल में कहीं गुम हो जाते है और नाग नागिन का रूप धारण कर लेते है और वहां एक साथ कई दिन गुजरते है पहले वाली जगह घूमते है उन्हे याद आता है की वो फिर न भूल जाए एक दूसरे को जब तक पूर्णिमा की बरसात में वो एक साथ नहा नही लेते तब तक वो भूलते रहेंगे वो अपनी पुरानी यादों में बहुत खुश थे मानो दोनो के प्राण लौट आए थे उन्हें धरती लोक का कुछ याद नहीं था लेकिन कुछ समय बाद वो फिर सब भूल जाते है जब उनकी मुलाकात राज से होती है वो फिर इंसानों की तेरह धरती के नियमो अनुसार रहने लगते है 
फिर वो राज के साथ घर लौट आते है। मणि ज्यादा आदित्य की तारीफ करती है तो नानी  हैरान होती है। मणि को आदित्य से प्यार का एहसास होता है।परंतु वो आदित्य को छोड़ कर कमरे में चली जाती है। और कहती है खुद से में क्या कर रही हूं ये, राज से शादी का वादा कर चुकी हूं में और आदित्य से कैसे प्यार कर सकती हूं में और वो आदित्य से जाकर के कहती है में राज से सगाई कर रही हूं आज ही आदित्य यह सब सून कर दुखी हो जाता है और जब सगाई होने लगती है राज और मणि की तो,आदित्य गाना गाने लगता है मणि की तड़प में एक, फिर मणि को सब याद आता है की वो और आदित्य एक नाग नागिन का जोड़ा थे और एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे तभी वो किसी कारण अलग हो गए थे उसे सब याद आता है मणि को तो याद आता है पर आदित्य को नहीं।मणि को यह भी याद आता है की वो आदित्य को अगर सब कुछ खुद ही बता देगी तो आदित्य उससे दूर हों जाएगा हमेशा के लिए अब उसको याद आता है की मंदिर में आदित्य को याद आ गया था सब और मुझे भी।


अब मणि आदित्य की और देख कर एक टक लगाए सोच रही थी कैसे भोलनाथ ने उनके प्रेम की परीक्षा के लिए यह सब रचाया था हम दोनों ने मजाक में एक बार कह दिया था की मौत के बाद और कोई किसी को भूलकर कैसे याद रख सकता है पर अब पता चला यह सत्य है की याद नहीं रहता पर एहसास कभी नही मरता  न वो तड़प मरती है अंदर की जो हमारे प्रेम की थी हम बेशक जुदा हो गए पर हमे अंदर से एक तड़प उठती थी जैसे दिल का कोई कोना खाली हो या दिल का कोई हिस्सा ही खो गया हो फिर मणि कहती है कब याद आएगा आदित्य को की में उसकी कोन हूं और धरती पर वो मुझे ही तलाश करने आया है।वो भगवान शिव को याद कर के सगाई छोड़ कर उसी शिव के मंदिर चली जाती है और वहां जाकर भोलेनाथ से प्रार्थना करती है की मेरे आदित्य को सब याद आ जाए।फिर सगाई वाली जगह बहुत तूफान आता है और  तूफान  में खींचता खिचता आदित्य मंदिर पहुंच जाता है और वहां मणि इच्छाधारी रूप में दैख उसे सब याद आता है  दोनो एक दूसरे से लिपट कर रोते है और उस दिन बहुत सावन आता है और उस दिन पूर्णिमा भी होती है दोनो पूर्णिमा की बारिश में भीगते है और शादी कर लेते है और अपने नागलोक में चले जाते है।।

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