कामयाबी का पहला कदम
पहला कदम इंसान का,
सबसे अनोखा होता है।
उसे सब नया नया सा लगता है।
फिर वो ख्वाब पुनेः सजोने लगता है।
उन ख्वाबों की तकदीर न,
जाने कितनी ही लंबी थी।
पर वो पहला कदम,
आज भी कोन भूलेगा।।
जब जिंदगी में उड़ान भरना सीखी थी।
उससे पहले भी कई ख्वाब सजाए थे।
उस पहले ही कदम के लिए,
कितने बवाल झेले थे।
पर आज जब ख्वाबों का,
हकीकत से सामना हुआ।
वो मंजिल मिली तो,
आंखो का कसूर देखो।
पानी से भर आई।।
पहला कदम जिसने,
बदल दी मेरी तकदीर।
वो कामयाबी का पहला शोर,
आज भी कानो में गूंजता है।।
अलका कुमारी
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