बेटियां क्यू पराई है
दुनिया की हर चीज पराई,
क्यों बेटी तुने ईश्वर पराई बनाई।
हर किसी के दुख को समझे बेटी
पर बेटी के दिल की कोई बात न जाने
क्यों बेटी पर दुनिया वालो
ने इतने सितम ढाए
तो किसी ने उसे कोख में मारा
तो किसी ने उसे जला दिया
जब न दहेज लेकर जाए बेटी
तो क्यों बनती है उसकी किस्मत खोटी
जब बन जाए बहू वो घर का
हर कोई काम करती है बेटी
बढ़ो का समान,छोटो से स्नेह करती है बेटी।
दफ्तर में हर कोई काम
होशियारी से करती है बेटी
मंदिर में दुर्गा का रूप है बेटी
फिर क्यों उसे समान नहीं मिलता
जीने का भी अधिकार नही मिलता
अल्का कुमारी
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