एक बहुत सुंदर बगीचा था जिसमें बच्चे खेल रहे थे, गोलू, टिंकू,मोहन,शिवानी, बगीचे में तितलियां उड़ रही थी रंग बिरंगी बहुत सारी। सभी उन तितलियों को छूने की कोशिश करते है पर वो उड़ जाती है। तितलियां बहुत प्यारी रंग बिरंगी थी। उन सभी बच्चो में शिवानी कहती है कोई भी तितली को हाथ में नहीं पकड़ेगा बस हम छूने का प्रयास करेगे।तितलियों के पंख नाजुक होते है यदि हम उन्हे पकड़ेंगे तो वो टूट जायेंगे।तभी गोलू जान बूझ कर एक तितली को पकड़ लेता है।फिर शिवानी उसे डांटती है और तितली अब उड़ नही पा रही होती।तभी शिवानी तितली को अपनी बाजू पर बिठा कर घर ले जाती है और उसकी देखभाल करती है।उसके घाव पर कहीं चीटिया न लग जाए फिर तितली एक दो दिन बाद ठीक हो जाती है और फिर उसी बगीचे में सभी बच्चो के साथ जब शिवानी खेल रही होती है तो तितली बार बार आकर शिवानी के कंधे बाजू पर आकर बैठ रही होती है।
शिक्षा: जबरदस्ती करने से कोई चीज टूट भी सकती है हमे क्या पता वो आंतरिक तौर पर और बाहरी तौर पर कितनी मजबूत है ।
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